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राम नाम सुखदाई वेदों में भी प्रमाण है कि पूर्ण परमात्मा की भक्ति करने वाले साधक के पूर्ण परमात्मा सभी पाप कर्म काट देता है व अगर जीवन कम हो तो अपने कोटे से भक्ति करने के लिए नया जीवन भी देता है तो असली जीवन रक्षक तो वही हुआ यजुर्वेद अध्याय 5 मन्त्र 32 में उसका प्रमाण है। पवित्र गीता अध्याय 15 के श्लोक 4 में भी कहा है कि तत्वज्ञान की प्राप्ति के पश्चात परमेश्वर के उस परमपद की खोज करनी चाहिए जहां जाने के बाद साधक कभी लौटकर इस संसार में नहीं आते अर्थात पूर्ण मोक्ष प्राप्त कर लेते हैं।